हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "कंज़ुल उम्माल ,,पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم
مَن قُتِلَ دُونَ أهلِهِ ظُلما فهُو شَهيدٌ ، و مَن قُتِلَ دُونَ مالِهِ ظُلما فهُو شَهيدٌ ، و مَن قُتِلَ دُونَ جارِهِ ظُلما فهُو شَهيدٌ ، و مَن قُتِلَ في ذاتِ اللّهِ عَزَّ و جلَّ فهُو شَهيدٌ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
जो अपने परिवार की रक्षा करते हुए मारा जाए वह शहीद हैं, और जो अपनी संपत्ति की रक्षा करते हुए मारा जाए वह भी शहीद हैं,और जो अपने पड़ोसी की रक्षा करते हुए कत्ल किया जाए वह भी शहीद हैं और जो खुदा के लिए मारा जाए वह भी शहीद है।
कंज़ुल उम्माल, 11237